72 पन्नों की किताब – Leonardo da Vinci Codex Leicester Price 200 Crore
परिचय
दुनिया में किताबों की अहमियत सिर्फ पढ़ने और ज्ञान बाँटने तक सीमित नहीं रही। कई बार एक किताब इतिहास, कला और विज्ञान की अमूल्य धरोहर बन जाती है। ऐसी ही एक किताब है Leonardo da Vinci की लिखी हुई Codex Leicester, जिसे सिर्फ 72 पन्नों का होने के बावजूद लगभग 200 करोड़ रुपये में खरीदा गया।
यह किताब सिर्फ एक पांडुलिपि नहीं, बल्कि दा विंची की सोच, वैज्ञानिक जिज्ञासा और भविष्यदृष्टि का अनमोल खजाना है। आइए जानते हैं इस अद्भुत किताब के बारे में विस्तार से।
लियोनार्डो दा विंची कौन थे?
लियोनार्डो दा विंची (1452–1519) इतालवी वैज्ञानिक, कलाकार, इंजीनियर और दार्शनिक थे। उन्हें अक्सर “Renaissance Man” कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने कला, विज्ञान, चिकित्सा, गणित और इंजीनियरिंग जैसे लगभग हर क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।
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कला में योगदान – उनकी पेंटिंग Mona Lisa और The Last Supper आज भी दुनिया की सबसे प्रसिद्ध कलाकृतियों में गिनी जाती हैं।
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विज्ञान और इंजीनियरिंग में योगदान – दा विंची ने उड़ने वाली मशीन, पनडुब्बी, और युद्धक हथियारों जैसी कई कल्पनाएँ सदियों पहले ही कर ली थीं।
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लेखन में योगदान – उन्होंने हजारों पन्नों पर अपने विचार, स्केच और प्रयोग लिखे। इन्हीं नोटबुक्स में से एक है Codex Leicester।
Codex Leicester क्या है?
Codex Leicester दा विंची की एक हस्तलिखित नोटबुक है जिसमें उन्होंने 1506 से 1510 के बीच अपनी वैज्ञानिक खोजों और विचारों को लिखा।
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इसमें 18 शीट्स हैं, जिन्हें बीच से मोड़कर 72 पेज बनाए गए।
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लेखन इटैलियन भाषा में है, और दा विंची की खास “Mirror Writing” (उल्टी दिशा में लिखी हुई) शैली में लिखा गया है।
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विषय ज्यादातर विज्ञान और प्रकृति से जुड़े हैं।
Codex Leicester में क्या लिखा है?
यह किताब सिर्फ कागजों पर लिखी इबारत नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सोच का खजाना है। इसमें दा विंची ने कई ऐसे सवालों और सिद्धांतों पर चर्चा की जो उस समय के लोगों की समझ से कहीं आगे थे।
कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं –
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पानी और नदियों का विज्ञान – इसमें पानी की गति, लहरों और नदियों के बहाव पर गहन अध्ययन है।
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चाँद और तारों के बारे में विचार – दा विंची ने बताया कि चाँद पर रोशनी क्यों होती है और “Earthshine” की घटना का वर्णन किया।
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फॉसिल और पृथ्वी की उम्र – उन्होंने यह भी लिखा कि फॉसिल्स पहाड़ों पर कैसे पहुँचे और पृथ्वी कितनी पुरानी हो सकती है।
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मौसम और जलवायु परिवर्तन – मौसम के बदलाव और प्रकृति के रहस्यों पर भी उन्होंने नोट्स बनाए।
इन सबके अलावा, किताब में कई चित्र और स्केच भी शामिल हैं, जो उनके अवलोकन को और जीवंत बनाते हैं।
यह किताब इतनी महंगी क्यों है?
किसी भी किताब की कीमत सिर्फ उसके पन्नों की गिनती से तय नहीं होती, बल्कि उसके इतिहास, दुर्लभता और महत्व से तय होती है।
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अद्वितीय लेखक – यह दा विंची जैसे महान वैज्ञानिक और कलाकार की अपनी लिखावट है।
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दुर्लभता – यह एकमात्र और अनूठी पांडुलिपि है, जिसकी कोई और कॉपी नहीं है।
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वैज्ञानिक महत्व – इसमें कई ऐसे विचार लिखे हैं जो आधुनिक विज्ञान की नींव बने।
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संग्रहणीय मूल्य – यह किताब इतिहास और कला के संग्राहकों के लिए एक खजाना है।
किताब की बिक्री और कीमत
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1994 में Christie’s Auction House, New York में इस किताब की नीलामी हुई।
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इसे Bill Gates (Microsoft के संस्थापक) ने खरीदा।
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कीमत थी 30.8 मिलियन डॉलर (लगभग ₹200 करोड़ रुपये)।
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बाद में Bill Gates ने इसकी डिजिटल कॉपी बनवाई ताकि आम लोग भी इसे देख सकें।
Bill Gates और Codex Leicester
Bill Gates को तकनीक और ज्ञान से खास लगाव है। उन्होंने इस किताब को खरीदकर न सिर्फ इतिहास को सुरक्षित किया, बल्कि इसे डिजिटल रूप में स्कैन करवाकर जनता के लिए उपलब्ध भी कराया।
अब यह किताब अक्सर दुनिया के अलग-अलग म्यूज़ियम्स में प्रदर्शित की जाती है।
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Leonardo da Vinci with bill gates
दुनिया की सबसे महंगी किताब
Codex Leicester को अक्सर “दुनिया की सबसे महंगी किताब” कहा जाता है। इसकी खासियत यह है कि इसमें सिर्फ 72 पेज हैं, लेकिन यह करोड़ों की कीमत रखती है।
यह इस बात का सबूत है कि ज्ञान, विचार और इतिहास की कीमत कभी पैसों में नहीं आँकी जा सकती।
निष्कर्ष
लियोनार्डो दा विंची की Codex Leicester केवल एक किताब नहीं, बल्कि मानव इतिहास का खजाना है। इसमें विज्ञान और प्रकृति से जुड़े वे विचार हैं, जो अपने समय से कई सदियों आगे थे।
200 करोड़ रुपये की कीमत पर बिकने के बावजूद इसका असली मूल्य असीम है। यह हमें याद दिलाती है कि सच्चा ज्ञान अनमोल होता है।
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